Anulom Vilom PranayamA
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की विधि
- अनुलोम विलोम प्राणायम को करने के लिए किसी भी स्तिथि जैसे सुखासन, सिद्धासन या फिर वज्रासन में बैठें।
- Anulom Vilom Yoga आसान की शुरुवात हमेशा नाक के बाये छिद्र से करनी है|
- सबसे पहले हाथो की उंगलियो की सहायता से नाक का दाया छिद्र बंद करें व बाये छिद्र से लंबी सांस लें|
- इसके पश्चात बाये छिद्र को बंद करके, दाये वाले छिद्र से लम्बी सांस को छोड़े|
- इस प्रक्रिया को कम से कम 10-15 मिनट तक दोहराइए|
- सांस लेते समय आपको अपना ध्यान दोनो आँखो के बीच मे स्थित आज्ञा चक्र पर एकत्रित करना होता है|
- बस लम्बी लम्बी साँसे लेते जाइये और मन में ओम मंत्र का जाप करते जाइये|
- शुरुवात में इसे योग प्रशिक्षक के निर्देश में किया जाए तो बेहतर है।
- यदि आप एनीमिया से पीड़ित है तो इसे करने से पहले चिकित्सक से उचित सलाह ले|
- साँस को छोड़ने और लेने का काम सहजता से करे| गलत तरीके से या फिर जल्दी बाजी में इसे करने से उल्टा शरीर को नुकसान होता है|
सावधानियों का ध्यान जरूर रखे
यदि आप कमजोर और एनीमिया से पीड़ित है। तो शुरुवात में सांस लेने और छोड़ने में परेशानी आ सकती है| इसलिए शुरुवात में इस क्रिया को 4 से 5 बार ही रखे|
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के फायदे
- नियमित तौर पर इस योग को करने से फेफड़े मजबूत बनते हैं।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने से एलर्जी और सभी प्रकार की चर्म समस्याए खत्म हो जाती है|
- अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से शरीर में रक्त का संचार सुधरता है| यह ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने में सहायक है|
- वजन घटाने के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है| इस प्राणायाम को करने से शरीर की चर्बी घटती है और मोटापा भी कम होता है|
- सर्दियों में शरीर का तापमान कम होने से सर्दी जुखाम जैसी समस्याए होती है, लेकिन यदि इस योग को ठंडी के दिन में किया जाये तो हमारे शरीर का तापमान संतुलित रहता हैं।
- इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है| और मधुमेह जैसी समस्याए खत्म हो जाती है|
- इसे ब्रेन ट्युमर जैसी समस्याए ठीक हो जाती है और यादास्त (मेमोरी) भी बढ़ती है|
- इससे सायनस की समस्या ठीक हो जाती है और टाँन्सीलस की परेशानी में भी आराम मिलता है|
- इसे करने से आर्थराटीस, कार्टीलेज घीसना जैसी बीमारियाँ भी ठीक हो जाती है|
- वृद्धावस्था में अनुलोम विलोम करने से यह आपको स्वस्थ और निरोग रखने में मदद करता है। इसे करने से गठिया और जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता है|