Naukasana Yoga TECHNIQUE: नौकासन की विधि
- नौकासन करने के लिए सबसे पहले किसी समतल जगह पर मैट बिछाएं |
- इसके पश्चात पीठ के बल सीधा लेट जाए |
- अब अपने शरीर के ऊपरी हिस्से और पैरों को ऊपर की और उठाये |
- इस वक्त आपके पैर कम से कम 30 डिग्री का कोण बनाना चाहिए |
- अब अपने हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें |
- आपको इसी अवस्था में कम से कम 20-30 सेकंड रहना है |
- इसी अवस्था को नौकासन कहते हैं।
- कुछ देर इसी पोजीशन में रहें और फिर पुन: धीरे-धीरे हाथ, पैर और सिर को जमीन पर ले आएं।
- इस आसन को दस बार दोहराएं और धीरे-धीरे 30 बार तक कर सकते हैं।
Naukasana Yoga Benefits: जानिए नौकासन के फायदे
- इस योग से शारीरिक अंगो में संतुलन बनता है |
- हर्निया रोग में भी यह आसन फायदेमंद है ।
- पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने में नौकासन बहुत फायदेमंद है |
- जो लोग अपने पेट की चर्बी कम करना चाहते है वो लोग नौकासन (Boat Pose) जरूर करे |
- नौकासन के नियमित अभ्यास से रीढ की हड्डियां सीधी और मजबूत होती हैं |
- यह आसन शरीर को लचीला बनाने में मददगार है| इससे पाचन तंत्र भी सुधरता है |
- नौकासन करने से अपर और लोवर एब्स की मांसपेशियां टाइट रहती हैं और इसमें फैट् नहीं जमता |
- जिन लोगो को नींद अधिक आती है वो भी इस आसन का अभ्यास कर नींद पर नियंत्रण पा सकते है |
- इस योग के अभ्यास से पेट की मांसपेशियां संतुलित होती है और कमर और हिप्स भी सुदृढ़ एवं संतुलित रहते हैं |
- इस आसन को करते वक्त अँगूठे से अँगुलियों तक खिंचाव होने के कारण शुद्ध रक्त तीव्र गति से प्रवाहित होता है, जिससे की काया निरोगी बनी रहती है ।
नौकासन में सावधानियां:-
यदि आपको शरीर के पिछले भाग में किसी प्रकार की तकलीफ हो या फिर पेट में किसी तरह की परेशानी हो तो आपको नौकासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए I इसके अतरिक्त जो व्यक्ति हृदय सम्बन्धी रोग से पीड़ित हैं उन्हें भी इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए|
यदि आपको शरीर के पिछले भाग में किसी प्रकार की तकलीफ हो या फिर पेट में किसी तरह की परेशानी हो तो आपको नौकासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए I इसके अतरिक्त जो व्यक्ति हृदय सम्बन्धी रोग से पीड़ित हैं उन्हें भी इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए|