Hastapadasana
हस्तपदासन की विधि
किसी समतल स्थान पर कंबल या आसान बिछा कर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों की एड़ियों व पंजों को आपस में मिला लें। दोनों हाथों को ढ़ीला छोड़ दें। अब सांस अंदर खींचे। इसके बाद सांस को बाहर छोड़ते हुए कमर के ऊपरी भाग को धीरे-धीरे सामने की ओर झुकाएं। घुटनों को बिल्कुल सीधा रखें व बाकी शरीर को तब तक झुकाएं जब तक हाथों से एडिय़ों को पकड़ न लें। अब मुंह को धीरे-धीरे घुटनों की तरफ झुकाएं। मुंह को घुटनों के बीच की खाली जगह में रखें या घुटनों से सटाएं। इस स्थिति में पैर व घुटने को बिल्कुल सीधा रखें। अभ्यास के शुरुआत में इस स्थिति में 10 सैकंड तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं। 5 सैकंड आराम करें और इस आसन को कम से कम 5-6 बार करें।
हस्तपदासन के लाभ
1. यह रीढ़ की हड्डी को शक्तिशाली बनाता है।
2. इस आसन के अभ्यास से आंतें स्वस्थ रहती हैं।
3. यह मोटापे को कम करता है।
4. जननांगों को स्वस्थ बनाता है।
5. इस आसन से शरीर लचीला होता है।
6. कमर दर्द में राहत मिलती है।
2. इस आसन के अभ्यास से आंतें स्वस्थ रहती हैं।
3. यह मोटापे को कम करता है।
4. जननांगों को स्वस्थ बनाता है।
5. इस आसन से शरीर लचीला होता है।
6. कमर दर्द में राहत मिलती है।
हस्तपादासन को करते समय सावधानी बरतें :-
1. पीठ दर्द वाले रोगियों को यह आसन नहीं करना चाहिए |
2. यह आसन हमेसा खाली पेट ही करना चाहिए |
3. हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगी इसको न करें |
2. यह आसन हमेसा खाली पेट ही करना चाहिए |
3. हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगी इसको न करें |